aacharya ji
jyotish acharya Sarvabhoot Sharanam Ji

गुरुश्री सर्वभूत शरणम् की सलाह आपकी जिंदगी बदल देगी

“कर्म की गति इतनी बलवती होती है, कि वह भाग्य की रेखा को बदल देती है”

“शक्ति कभी भी शारीरिक या मानसिक क्षमता से उत्पन्न नहीं होती, बल्कि वह अजेय संकल्प से उत्पन्न होती है”

“प्रसन्नता की प्राप्ति इंसान के कर्म पर निर्भर करती है, कर्म जितना सात्विक होगा हृदय उतना निर्मल होगा”

यदि आप अपने जीवन में किसी भी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो गुरुश्री सर्वभूत शरणम् से एक बार जरूर संपर्क करें. हमें विश्वास है कि गुरुश्री का मार्गदर्शन और उनकी सलाह आपका जीवन संवार देंगे। 

आचार्य श्री सर्वभूत शरणम् पिछले 30 वर्षों से अध्यात्म और ज्योतिष के क्षेत्र में सेवारत हैं। मां भगवती की इन पर विशेष कृपा है। ज्योतिष के अतिरिक्त गुरुश्री की विशिष्ट पहचान स्पर्श ध्यान पद्धति है। इनके इस अनुभव से अब तक बहुतेरे जन लाभांवित हो चुके हैं। इन लाभान्वित लोगों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हस्तियाँ भी शामिल हैं। 

गुरुश्री का भी एकमात्र ध्येय यही है कि उनके पास आने वाले जातक को संपूर्ण लाभ की प्राप्ति हो। उसे ज्यादा इधर-उधर न भटकना पड़े। गुरुश्री अपने ज्योतिषीय ज्ञान और अपनी साधना के सामंजस्य से जातक के भूत, वर्तमान और भविष्य का विवरण प्रस्तुत करते हुए उसी के अनुरूप समाधान बताते हैं। लोक कल्याण इनका मूल मंत्र है और इसके लिए निरंतर प्रयासरत हैं। गुरुश्री का मत है कि मनुष्य को कर्म प्रधान होना चाहिए। वर्तमान कर्म ही उसका भविष्य तय करते हैं। जैसे मनुष्य के कर्म होंगे, वैसा ही उसका भाग्य होगा, उनकी नियती तय होगी। उनका मानना है कि कर्म की गति इतनी बलवती होती है, जिससे भाग्य की रेखाएं भी बदल जाती हैं। इसलिए व्यक्ति की नीयत जितनी श्रेष्ठ होगी, उसकी नियती उतनी ही उदात्त होगी।